गौस पाक का बचपन का वाकया: गौस पाक के 11 नाम|

 गौस पाक का बचपन का वाकया

अस्सलाम वालेकुम प्यारे दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गौस पाक का बहुत ही प्यारा किस्सा बताने वाले हैं| अगर आप भी इस किस को सुनने के लिए बेताब हो रहे हैं तो हमारे इस आर्टिकल को ऊपर से नीचे तक जरूर पढ़ें और जाने की ओर से पाक के बचपन का वाकया गौसे पाक का वाकया गौस पाक की कितनी बीवियां थी यह सब हम आपको इसी पोस्ट के जरिए बताने जा रहे हैं तो आईए जानते है


गौस पाक का बचपन का वाकया

गौस का बचपन का वाकया:-

हुजूर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हा अभी बच्चे ही थे कि आपको इल्म का शौक पैदा हो गया था और आपने अपनी वालिदा से फरमाया की अम्मी जान मुझे इजाजत दे दिए ताकि मैं बगदाद जाकर मिल मऊ हासिल कर लूं वालिदा ने फरमाया बेटा जाओ इजाजत है फिर 40 दिनार लेकर हुजूर गौसे आजम रजि अल्लाह ताला अन्हु को दिए कि यह को खर्च के लिए अपने साथ यह पैसे ले जाओ 


हुजूर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हा ने यह 40 दिनार अपनी अम्मी जान से ले लिए और एक बटुए में रखकर उसे अपनी कमर से बांध लिया बटुए को और बगदाद जाने के लिए तैयार हो गए वालिदा ने जाते वक्त अपने बेटे गौस पाक से कहा कि बेटा एक बात जरूर याद रखना हमेशा सच बोलना और झूठ से हमेशा किनारा कश रहना 


हुजूर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हु वालिदा से रुखसत प्रकार एक काफिले के हमारा बगदाद को चल दिए काफिला एक जंगल में पहुंचा तो साथ डाकुओं ने इस काफिले पर हमला कर दिया और काफिले को लूटना शुरू कर दिया एक डाकू हुजूर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हा के पास भी आया और कहने लगा ए फकीर लड़के तेरे पास भी कुछ है क्या? 


तो हुजूर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हा ने फरमाया मेरे पास 40 दिनार है डाकुओं ने पूछा कहां है फरमाया यह मेरी कमर पर बंधे हुए हैं डाकुओं ने इस बात को मजाक में समझ कर वापस चल दिए| 


फिर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हा के पास दूसरा डाकू पहुंचा और कहने लगा की बात तेरे पास भी कुछ है तो उन्होंने उनसे भी यही फरमाया कि मेरे पास 40 दिनार है डाकुओं ने पूछा कहां है तो वही बात उसने इस डाकू से भी कह दी कि यह मेरी कमर पर बंधे हुए दूसरे डाकुओं ने भी यह बात मजाक में समझकर वापस चल दिए|


इसी तरह बहुत सारे डाकुओं ने आपसे यही सवाल और जवाब किया तो अपने सभी से यही फरमाया हां मेरे पास 40 दिनार है डाकुओं को कुछ शक हुआ तो वह आपको पड़कर अपने सरदार के पास ले गए डाकुओं के सरदार ने भी आपसे यही सवाल किया कि ए फकीर लड़के तुम्हारे पास भी कुछ है क्या आपने उनसे भी यही फरमाया कि हां मेरे पास 40 दिनार है|


डाकुओं का सरदार ने पूछा कि कहां है उनसे भी उन्होंने फरमाया कमर में बंधे हैं सरदार ने आगे बढ़कर कमर की तलाशी ली तो वाकई 40 दिनार करेंसी निकल आई डाकुओं का सरदार बड़ा हैरान हुआ कि इस लड़के ने अपना माल बता दिया जबकि डाकुओं से तो माल छुपाया जाता है| 


डाकुओं के सरदार ने बड़े ताज्जुब के साथ हुजूर गौसे आजम रज़ी अल्लाह ताला अन्हा से पूछा कि लड़के बताओ यह माल हमसे छुपाया क्यों नहीं साफ-साफ क्यों बता दिया? तो गौस पाक ने उन डाकुओं के सरदार से फरमाया कि जब मैं काफिले के लिए अपने घर से निकला था तो मेरी अम्मी जान ने मुझसे कहा था कि बेटा कभी भी झूठ नहीं बोलना इसलिए मैं सच बोलता हूं और सच ही बोलता रहूंगा ताकि वालिदा के साथ वायदा से है शीकनी ना हो जाए 


शेख अब्दुल कादिर जिलानी के बचपन का किस्सा जब डाकुओं ने सुन तो वह चीज से मार मार कर रोने लगे और कहा कि अफसोस यह लड़का तो अपनी वालिदा के साथ किए गए वायदे का इतना ध्यान रखना है और जो हमने अपने रब से वायदा किया है आज तक हम उसे निभाना सके|


ए लड़के इधर ला मैं तेरे हाथ पर यह अपना हाथ रखता हूं और आइंदा के लिए तौबा करता हूं यह कहकर उसने सच्चे दिल से तौबा कर ली और फिर अपने मां के हाथ डाकुओं के से कहा जो भाई मेरे साथ अब तुम्हारा कोई वास्ता नहीं तो उन डाकुओं ने जवाब दिया कि आप हमारे सरदार ही रहेंगे|


वह इस तरह की हम सब भी इस बुरे काम से तौबा करते हैं तौबा करने वालों में आप ही हमारे सरदार हैं उन सब ने भी सच्चे दिल से तौबा की और लूटा हुआ माल वापस करके आइंदा अच्छी और खुशहाल जिंदगी गुजारने लगे|

गोसे पाक के 11 नाम हिंदी में:

  1. या सैयदी मोहिउद्दीन अम्रुल्लाह

  2. या शेख मोहिउद्दीन फजलुल्लाह

  3. या महबूब मोहिउद्दीन अमानुल्लाह

  4. या गौस मोहिउद्दीन कुतुबुल्लाह

  5. या अब्दाल मोहिउद्दीन नुरुल्लाह 

  6. या सुल्तान मोहिउद्दीन सैफुल्लाह 

  7. या बादशाह मोहिउद्दीन कुद्रतुल्लाह 

  8. या ख्वाजा मोइनुद्दीन कुर्बतुल्लाह

  9. या मखदूम मोहिउद्दीन बुरहान उल्लाह 

  10. या मोहिब मोहिउद्दीन अयातुल्लाह

  11. या कुतुब मोहिउद्दीन शाहिद उल्ला| 


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अल्लाह से माफी के तलबगार है अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई है तो अल्लाह हमें माफ करें और हिदायत दे कि हम बेहतर और अच्छा लिख पाए आमीन |


दोस्तों मैं पिछले 4 साल से ब्लॉगिंग कर रहा हूं मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं आप तक सही जानकारी देने की कोशिश करता हूं

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